Thursday, May 31, 2018

त्रिफला चूर्ण के फायदे और नुकसान Triphala churna uses, benefits and side effects in Hindi

त्रिफला चूर्ण के फायदे और नुकसान Triphala churna uses, benefits and side effects in Hindi












त्रिफला शब्द का शाब्दिक अर्थ है 'तीन फल'।ले‍किन आयुर्वेद का त्रिफला 3 ऐसे फलों का मिलन है जो तीनों ही अमृतीय गुणों से भरपूर है। आंवला, बहेड़ा और हरड़। आयुर्वेद में इन्हें अमलकी, विभीतक और हरितकी कहा गया है। त्रिफला में इन तीनों को बीज निकाल कर समान मात्रा में चूर्ण बनाकर कर लिया जाता है।

Triphala churna in hindi त्रिफला एक आयुर्वेदिक हर्बल चूर्ण है जिसे तीन फलों अमालकी (आंवला), बिभितकी (बहेड़ा) और हरितकी (हरड़) को पीसकर त्रिफला चूर्ण बनाया जाता है। इन तीनों फलों में पांच अलग-अलग तरह के स्वाद होते हैं त्रिफला चूर्ण के फायदे अनेक है और इनका उपयोग कई तरह की बीमारियों को ठीक करने में किया जाता है। आयुर्वेद में ऐसी कम ही जड़ी-बूटियां मौजूद हैं जिनमें मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा और तीखा पांच अलग-अलग तरह के स्वाद आते हैं। त्रिफला चूर्ण अपने अनोखे स्वाद की वजह से सेहत के लिए कई मायनों में उपयोगी है। हरितकी वात दोष को दूर करने के लिए, बिभितकी कफ दोष में और अमालकी पित्त दोष में इस्तेमाल किया जाता है।
आयुर्वेद में माना जाता है कि यदि वात, कफ और पित्त दोष ठीक रहे तो व्यक्ति की सेहत भी ठीक रहती है। त्रिफला इन दोषों के असंतुलन को ठीक कर स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। आइये जानते है त्रिफला चूर्ण के फायदे और नुकसान के बारें में


त्रिफला चूर्ण बनाने की विधि – Triphala churna banane ki vidhi in hindi

एक भाग हरड़, दो भाग बहेडा और एक चौथाई भाग आंवला का मिश्रण होता है। इन तीनों को धूप में सूखाकर महीन पीस लें। कपड़े से छानकार काँच की शीशी में भरकर रख लें।
एक रिसर्च में पाया गया है कि त्रिफला में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव में सहायक होते हैं। इसके अलावा यह शरीर से मैलिक एसिड, गैलिक एसिड, मुक्त कणों को खत्म कर कैंसर से शरीर की सुरक्षा करता है। यहां हम आपको त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें, त्रिफला चूर्ण के सेवन के फायदे और त्रिफला चूर्ण के नुकसान के बारे में भी बताएंगे।

त्रिफला चूर्ण का सेवन कैसे करें – Triphala churna ka sevan kaise kare in Hindi








त्रिफला चूर्ण का उपयोग कैसे करें यह जानने से पहले आपको यह बता दें कि त्रिफला सभी मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध होता है। यह चूर्ण, कैप्सूल, टैबलेट और लिक्विड फॉर्म में भी बाजारों में उपलब्ध है।
वैसे तो त्रिफला चूर्ण को आमतौर पर खाली पेट लिया जाता है लेकिन इसे कुछ अन्य तरीकों से भी खाया जा सकता है। आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण को चाय बनाते समय एक कप उबलते पानी में मिलाकर इसे हल्का ठंडा करने के बाद भी लिया जा सकता है। इसके अलावा भोजन करने से पहले इसे घी या शहद के साथ भी लिया जा सकता है। त्रिफला के टैबलेट या कैप्सूल को आमतौर पर भोजन से पहले दिन में दो बार लिया जाता है। इसके अलावा त्रिफला के लिक्विड की कम से कम 30 बूंदों को पानी या जूस में मिलाकर दिन में एक से तीन बार लिया जा सकता है।
पाचन टॉनिक के रूप में त्रिफला का सेवन रात में भोजन करने के दो घंटे बाद और सोने से आधे घंटे पहले किया जाता है। जब भी आप त्रिफला चूर्ण, कैप्सूल या टैबलेट खरीदते हैं, उसके पैकेट पर इसकी खुराक की मात्रा लिखी होती है। कम मात्रा में त्रिफला चूर्ण का सेवन करने पर यह धीरे-धीरे ब्लड को प्यूरीफाई करता है।
अधिकतर लोग त्रिफला चूर्ण लेने के आदी हो जाते हैं और लंबे समय तक इसका सेवन करते रहते हैं। लेकिन डॉक्टर सलाह देते हैं कि दस हफ्तों तक त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के बाद इसे दो से तीन हफ्तों के लिए बंद कर देना चाहिए। इससे शरीर को राहत मिलती है और शरीर में त्रिफला का प्रभाव भी बना रहता है।

त्रिफला चूर्ण के फायदे – health benefits of Triphala churna in Hindi

रिसर्च में पाया गया है कि त्रिफला चूर्ण का हाइपो-ग्लाइसेमिक प्रभाव शरीर में इंसुलिन के स्तर को कम नहीं होने देता है। त्रिफला चूर्ण इंसुलिन के लेवल को बढ़ाने के लिए कोशिकीय प्रतिरोध को कम करता है और कोशिकाओं में इंसुलिन के सही तरीके से उपयोग में मदद करता है। इसलिए त्रिफला चूर्ण का सेवन को डायबिटीज के मरीजों के इलाज में काफी प्रभावी माना जाता है।


त्रिफला चूर्ण के फायदे आंखों के लिए – Triphala for Eyesight in Hindi

त्रिफला चूर्ण के फायदे आंखों के लिए - Triphala for Eyesight in Hindi
तीन चीजो से बने त्रिफला चूर्ण में आंखों की मोतियाबिंद के लक्षणों को दूर करने के गुण पाये जाते हैं। आयुर्वेद में यह माना जाता है कि त्रिफला से नेत्र की रोशनी बढ़ती है और मोतिबिंद सहित आंखों की कई बीमारियों से भी हमें बचाता है। त्रिफला चूर्ण में यष्टिमधु और लौहभस्म के अलावा सप्तामृत लौह की मात्रा पायी जाती है जो आंख संबंधी बीमारियों के इलाज में उपयोगी है। इसके अलावा शुद्ध मक्खन से बना त्रिफला घृत और त्रिफला पावडर भी आंखों के लिए फायदेमंद है। यह आंख के रोगों से दूर रखता है और दृष्टि बढ़ाता है।

त्रिफला के फायदे वजन कम करने के लिए – Benefits of triphala churna weight loss in hindi

त्रिफला के फायदे वजन कम करने के लिए - Benefits of triphala churna weight loss in hindi
यह मेटाबोलिज्म को ठीक करता है और अधिक वजन घटाने में मददगार है। यह पाचन और भूख को बढ़ाने, लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या को बढ़ाने और शरीर में अवांछनीय वसा की मात्रा को कम करने में सहयोग करता है। त्रिफला को एक चाय या काढ़े के रूप में लिया जा सकता है। त्रिफला काढ़े में शहद मिलाकर पीने से वजन कम करने में भी मदद मिलती है।

त्रिफला चूर्ण के फायदे कब्ज में भी लाभदायक – Triphala in Constipation in Hindi

त्रिफला चूर्ण के फायदे कब्ज में भी लाभदायक Triphala in Constipation in Hindi
त्रिफला चूर्ण कब्ज दूर करने के लिए एक घरेलू उपाय है। इसके सेवन से मलत्याग करने में आसानी होती है और पेट अच्छी तरह से साफ हो जाता है। इसके अलावा त्रिफला चूर्ण का सेवन उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जो रोजाना शौच करने में समस्या होती है और पूरे दिन उन्हें भारीपन सा लगता है। एक चम्मच त्रिफला चूर्ण के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।

उच्च रक्तचाप को कम करने में त्रिफला चूर्ण के फायदे – Triphala churna for High Cholesterol in Hindi

उच्च रक्तचाप को कम करने में त्रिफला चूर्ण के फायदे Triphala churna for High Cholesterol in Hindi
तीन चीजो से बने त्रिफला चूर्ण में लिपिड को नियंत्रित करने के महत्वपूर्ण गुण पाये जाते हैं। त्रिफला चूर्ण का सेवन करने करने के कुछ ही हफ्तों बाद यह सीरम कोलेस्ट्रॉल को घटा देता है। इसके अलावा यह खून में लाइपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल एवं ट्राइग्लिसराइड के स्तर को भी घटाने में उपयोगी है।

त्रिफला चूर्ण के फायदे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाले – Triphala churna for Flush Out Toxins From Body in Hindi

त्रिफला चूर्ण के फायदे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाले Triphala churna for Flush Out Toxins From Body in Hindi
आयुर्वेदिक त्रिफला चूर्ण में खून को शुद्ध और साफ करने के गुण मौजूद होते हैं। यह शरीर में ब्लड को साफ करता है और ब्लड सर्कुलेशन को ठीक रखता है। इसके अलावा यह लीवर और फेफड़े की भी सफाई करता है। त्रिफला चूर्ण लीवर और फेफेड़े से जुड़ी बीमारी जैसे पीलिया और ब्रोन्काइटिस से भी बचाव करता है। त्रिफला चूर्ण में एंटीऑक्सीडेंट गुण होने के कारण यह कई तरह के बुखार से लड़ता है और इम्यूनिटी सिस्टम को भी मजबूत रखता है। और पढ़े – लीवर की कमजोरी कारण लक्षण और दूर करने के उपाय

त्रिफला चूर्ण के नुकसान – Side Effects Of Triphala churna in Hindi

त्रिफला चूर्ण के नुकसान Side Effects Of Triphala churna in Hindi

त्रिफला चूर्ण के नुकसान गर्भावस्था में – Triphala churna Not Safe During Pregnancy in Hindi

गर्भावस्था में त्रिफला चूर्ण हानिकारक Triphala churna Not Safe During Pregnancy in Hindi
गर्भावस्था के दौरान त्रिफला चूर्ण का सेवन करने से यह आंत्रशोथ को उत्तेजित कर देता है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके प्रभाव से कभी-कभी गर्भपात की भी संभावना बनी रहती। इसलिए आमतौर पर प्रेगनेंसी के दौरान आयुर्वेद के चिकित्सक किसी भी महिला को त्रिफला चूर्ण का सेवन न करने की सलाह देते हैं। और पढ़े – गर्भावस्था के समय क्या न खाएं

त्रिफला चूर्ण से डायरिया का खतरा  – Triphala churna Causes Diarrhea in Hindi

त्रिफला चूर्ण से डायरिया का खतरा  Triphala churna Causes Diarrhea in Hindi
आयुर्वेदिक त्रिफला चूर्ण में पेट की सफाई करने के गुण पाए जाते हैं। यह आंतों की दीवारों को उत्तेजित कर देता है जिसकी वजह से आपका पेट गड़बड़ हो सकता है और आपको डायरिया हो सकता है और आपको बार-बार वॉशरूम जाने की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन जिन लोगों को कब्ज की समस्या है उनके लिए त्रिफला चूर्ण उपयोगी है।

त्रिफला चूर्ण के नुकसान डिहाइड्रेशन में – Tiphala churna side effects Causes Dehydration in Hindi

त्रिफला चूर्ण के कारण डिहाइड्रेशन Triphala churna Causes Dehydration in Hindi
अधिक मात्रा में त्रिफला की खुराक लेने पर आपको डिहाइड्रेशन की भी समस्या हो सकती है। अधिक खुराक में त्रिफला अधिक तेजी से पेट की सफाई करता है जिससे शरीर से अधिक पानी निकल जाता है। जिसकी वजह से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है और कभी-कभी व्यक्ति की हालत गंभीर भी हो सकती है।

त्रिफला चूर्ण का साइड इफेक्ट नींद आने में – Triphala churna side effects Disrupts Sleep Routine in Hindi

त्रिफला चूर्ण का साइड इफेक्ट नींद आने में Triphala churna Disrupts Sleep Routine in Hindi
ऐसी कई घटनाएं हैं जहां लोगों को त्रिफला चूर्ण का सेवन करने के बाद नींद में बाधा और इन्सोमेनिया की समस्या हो जाती है। इस समस्या से पीड़ित लोगों को त्रिफला चूर्ण की खुराक कम मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा उन्हें रात में सोने से पहले त्रिफला चूर्ण लेने के बजाय सुबह खाली पेट इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।

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